अनुराधा कृष्णा रस्तोगी
डॉ. अनु सपन
चली चली रे पुरवाई.........
मेरे हाथों की लकीरों में सामने वाले, कैसे छीनेंगे मुझे ज़माने वाले.........
हम भी तरसेंगे तेरे खतों के लिए .........
डॉ. सरिता शर्मा
कृष्ण एवं मीरा के गीत.....
मेरे आँचल से मुंह ढांक कर रातभर चाँद सोता रहा....
डॉ. सुमन दुबे
एक सपना सजा लिया मैंने, दिल में तुमको बसा लिया मैंने...
थोड़ी तकरार थोडा प्यार लेके आयी..
ऐसा झलका प्यार नयन के पार हुई तकरार आज फिर रस्ते में.........
तोहरी प्रीतिया में रंग दी उमरिया आँख फेर के ....
नीलम कश्यप
वो जो मिलता रहा बहाने से, अब तो आता नहीं बुलाने से ....
चोरी चोरी आजा राजा चोरी चोरी आजा....
दर्द के घूँट हमने पिए तो पिए, खूबसूरत गुनाह किये तो किये...प्यार करने का मुझको सलीका न था..
तुम्हारी भावनाओं को न समझें तो कहाँ जाएँ, .........
मैं गीत लिखती हूँ गजल के लिबास में, सागर समेत लेती हूँ ....
शबिस्ता बृजेश
मायावती पर कविता
डॉ. अनु सपन
चली चली रे पुरवाई.........
मेरे हाथों की लकीरों में सामने वाले, कैसे छीनेंगे मुझे ज़माने वाले.........
हम भी तरसेंगे तेरे खतों के लिए .........
डॉ. सरिता शर्मा
कृष्ण एवं मीरा के गीत.....
मेरे आँचल से मुंह ढांक कर रातभर चाँद सोता रहा....
डॉ. सुमन दुबे
एक सपना सजा लिया मैंने, दिल में तुमको बसा लिया मैंने...
थोड़ी तकरार थोडा प्यार लेके आयी..
ऐसा झलका प्यार नयन के पार हुई तकरार आज फिर रस्ते में.........
तोहरी प्रीतिया में रंग दी उमरिया आँख फेर के ....
नीलम कश्यप
वो जो मिलता रहा बहाने से, अब तो आता नहीं बुलाने से ....
चोरी चोरी आजा राजा चोरी चोरी आजा....
दर्द के घूँट हमने पिए तो पिए, खूबसूरत गुनाह किये तो किये...प्यार करने का मुझको सलीका न था..
तुम्हारी भावनाओं को न समझें तो कहाँ जाएँ, .........
मैं गीत लिखती हूँ गजल के लिबास में, सागर समेत लेती हूँ ....
शबिस्ता बृजेश
मायावती पर कविता
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